जो भूल की है तुमने हमने, उसका जुर्माना तो भरना होगा !
नकाब पहने हुए नेताओं को, बेनकाब तो अब करना होगा !
उठकर खड़े हो देश की खातिर, अब देश तुमको पुकार रहा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१!
म्रत्यु की परवाह ना करके, जीवन भी दाव पर लगा दो तुम !
देश में ही छुपे बैठे गद्दारों को, अब ठिकाने भी लगा दो तुम !
नेताओं के झूठे वादों को भी, अब सबको पहचानना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !२!
पहचानो देश मे ही छुपे बैठे, देश के ही गद्दारों को !
खुद भी सचेत हो जाओ तुम, और सचेत करो अपने यारों को !
देश के दुश्मन जो सत्ता में, उनको भी सत्ता से उतरना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !३!
सत्ता के मद में होकर लोभी, इठलाते और इतराते जो हैं !
नौकर होकर भी जनता के, खुद को मलिक बताते जो हैं !
अब बाहर करके ही सत्ता से, उनको भी सबक सिखाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !४!
साथ ना देना देश के गद्दारों का, वरना तुम भी गद्दार कहलाओगे !
गद्दारों की मीठी ज़ुबान मे फँस कर, एक दिन खुद ही पछताओगे !
देश की उज्ज्वल्ता की खातिर, गद्दार नेताओं को पहचानना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !५!
भोली सी सूरत गद्दारों की, ये बात भी मीठी मीठी करते हैं !
देश की जनता के पैसे को, अपनी जेब में ही तो भरते हैं !
व्यवस्था परिवर्तन की खातिर, सत्ता परिवर्तन तो करना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !६!
सत्ता में बैठे हुए जो नेता, देश हित की कभी बात ना करते !
जनता के नौकर होकर भी, जनता के हित की बात ना करते !
ऐसे गद्दार नेताओं को भी तो, सत्ता से अब उखाड़ना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !७!
देश मे जो भ्रस्ट नेता हैं, वो तो देश के गद्दार के जैसे !
इस बार भी देश को लूट रहे, पिछले हर बार के जैसे !
अगर ये राज़ी से ना मानें तो, उनको चुनाव मे हराना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !८!
निज स्वार्थ की ही खातिर जो, भोली जनता पर डंडे बरसवाते हैं !
जो रास्ट्र का अन्न खाकर भी, राष्ट्र गीत गाने में ही कतराते हैं !
ऐसे गद्दारों के समूल नाश का, एक अपराध तो करना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !९!
स्वार्थ की खातिर तो ये नेता, अपने ईमान को भी बेच देंगें !
नही जागे हम अब भी तो, ये गद्दार देश को भी बेच देंगे !
देश के उपर मरने वाले लोगों को, अपना नेता अब बनाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१०!
अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर, देश की जनता को भ्रमित करते !
देश के लिए लड़ने वालों को भी, डराने में भी ये नही डरते !
जनता का अहित करने वाले, सब नेताओं को अब जाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !११!
जनता की महनत की कमाई, लूटते और अवैध खनन जो करते !
खुद जो मज़े में रहते नेता, हमारी स्वतंत्रता का हनन वो करते !
स्वतंत्र होकर भी हम स्वतंत्र नही, अब पूर्ण स्वतंत्रता को पाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१२!
देश की जनता के प्रतिनिधि होकर, गुलामी करते जो औरों की !
स्वार्थ की खातिर वो अपने, जनता से अन्याय करते जोरों की !
गद्दारों के पंजों मे फँसे हुए, अपने देश को अब बचाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१३!
देश में अंधकार ना हो कोई, देश में अन्याय ना हो कोई !
जगा दो अब उस जनता को भी, देश की जनता है जो सोई !
घमंड मे बैठीं सरकारों को, तख्ता पलट कर उतरना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१४!
जो समझ बैठीं हैं अपनी बापौती, इस देश की ही सत्ता को !
जो लगा रहीं हैं दाव पर भी, अपनी ही धरती माता को !
ऐसी सरकारों को तो अब, जड़ से उखाडकर फेंकना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१५!
जनता के प्रतिनिधि होकर भी, गुलामी आलाकमान की करते हैं !
आलाकमान तो उनकी जनता, जिसको तो याद ही ना करते हैं !
ऐसे गद्दारों को अब तो बस, हर चुनाव में ही हराना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१६!
निजता को छोड़कर पीछे ही, आगे बढ़े जो बस देश की खातिर !
हर कोई समझे ईमान देश को, कोई ना हो उनमें शातिर !
जो शीश कटा दें देश की खातिर, ऐसे लोगों को चुनना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१७!
देश की जनता ना छली जाए, बने ऐसा एक साफ सा रास्ता !
देश के हितों की खातिर ही, बने ऐसी एक बहतर सी व्यवस्था !
व्यवस्था परिवर्तन की खातिर तो, एक आंदोलन अब करना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१८!
हटना मत तुम कभी पीछे को, गद्दारों से कभी मत डरना कोई !
जीवन भी दाव पर लगा करके, देश के लिए लड़ना हमेशा हर कोई !
खुद का सर कटा कर भी, अपने देश को बचाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !१९!
देश की जनता का गौरव तो, अपने देश का ही गौरव है !
देश का गौरव हो जब उँचा, अपना गौरव ही तो जब है !
अपना निज गौरव छोड़कर भी, देश का गौरव बढ़ाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको, देश की खातिर लड़ना होगा !२०!
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