जीवन के रस कमंडल में, देश प्रेम की रासधारा हो !
वो मुझको भी प्यारा होता, जिसको मेरा देश प्यारा हो !
ना हो चाहे धन वैभव, ना हो चाहे कभी यश गान मेरा !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
देश की शान भी तो, जनता की भी शान होती !
देश रहे सुरक्षित जब, तब जनता भी रक्षित होती !
अपने देश को आगे बढ़ाएँगे, ये भी संकल्प हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
निजता के वैभव की खातिर, देश से ना गद्दारी करना !
देश के दुश्मन से मिलकर, कभी भी कोई ना यारी करना !
देश रहे सुरक्षित हमारा बस, यही भाव भी हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
धर्म के नामपर कभी कोई, अपने देश को मत बाँटो !
जो बाँटने की बात करे, उसको पकड़कर सब डांटो !
अपने निज धर्म से पहले, रास्ट्र धर्म बस हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
जिसमें ना हो हित देश का, उस काम पर मत जाओ !
संपन्न बनाओ अपने देश को, विदेशों के सामने मत गिडगिडाओ !
देश के सम्मान को उँचा करना, पहला काम हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
धर्म जाति के नाम पर देश, बॅट रहा, मत उसको बंटने दो तुम !
देश के हितो की खातिर तो, एक सब हो जाओ तुम !
देश बाँटने वाला व्यक्ति तो, केवल दुश्मन भी हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
जन जन में जागरण कर दो, देश की एकता का सब !
गद्दारों के भी पैर उखड़ेंगे, एक हो जाएँगे हम सब जब !
हम धर्म नही भारतवाशी हैं, बस यही नारा हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
एक होकर तो देखो तुम, एकता का क्या रस होता !
एक हो जाते हैं जब सब तो, गद्दारों का क्या वश होता !
एकता भी हम सब में हो, और राष्ट्र धर्म हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
मेरा देश शसक्त हो ऐसा, जो किसी से ना डरता हो !
जनता के हित की खातिर, जनता के मन का मंथन करता हो !
देश की जनता पर वैभव हो, और उन्नत देश हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
वो तो देश का ही दुश्मन, जो तिरंगा फहराने से रोकता हो !
जो देश में तिरंगा फहराने बालों को, कभी भी टोकता हो !
ऐसे गद्दार के तो शीने पर भी, तिरंगा फहरा हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
देश के सम्मान मे ही, हर जगह तिरंगा लहरा दो तुम !
तिरंगा रोकने वालो की ही, छाती पर तिरंगा लहरा दो तुम !
अपने देश का सम्मान ही, केवल सम्मान हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
अपनी निज छमताओं को भी, देश हित मेंलागा दो तुम !
देश के सम्मान को भी, अपने जीवन से सज़ा दो तुम !
दुनिया के देशों की शूची में, पहला स्थान हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा, यही उद्देश्य भी हमारा हो !!
~~~~ जय हिन्द, जय भारत~~~~
===हेमन्त चौहान===
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