(12 दिसंबर 1930 ) को आज ही के दिन महान क्रंतिकारी बाबू गेनू ने अंग्रेजो के खिलाफ़ लड़ते हुए अपना बलिदान दे दिया था ।
बाबू गेनू आजादी से पहले सवदेशी अंदोलन में लगे हुए थे ।
इन्होने तो अपनी एक फ़ौज बना रखी था ।
जो रात को पानी के जहाजो मे आने वाले विदेशी सामान को आग लगाया करते थे ।
और दुकानो के आगे लेट जाते थे और लोगो से कहते थे । अगर ये विदेशी सामान ख़रीदना है तो हमारे ऊपर से गुजर कर जाओ ।
एक दिन एक ट्र्क में विदेशी समान भर लाया जा रहा जिसके साथ पुलिस भी थी
बाबू गेनू ने कहा इस ट्र्क को मैं शहर की तरफ़ नहीं जाने दूगां ।
और ट्र्क के आगे लेट गये ।
और पुलिस के आदेश पर ट्र्क वाले बाबू गेनू की ऊपर से निकाल दिया
और ये महान क्रंतिकारी मात्र 22 साल की आयु में अंग्रेजो और विदेशी सामान के खिलाफ़ लड़्ता हुआ । शहीद हो गया ।
भारत माता और स्वदेशी अंदोलन के अपना बलिदान देने वाले महान क्रंतिकारी बाबू गेनू को पूरे भारत की तरफ़ से शत शत नमन ।
बाबू गेनू अमर रहे ।
वंदेमातरम ।
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